लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Symptoms of Protein Deficiency: आजकल के लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग अनहेल्दी चीजों को डाइट में शामिल कर रहे हैं, चाहे इसके पीछे उनकी नासमझी हो या फिर बिजी शेड्यूल। ऐसे फूड्स में शुगर, रिफाइंड कार्ब्स, सीड ऑयल और तमाम केमिकल पाए जाते हैं जिसमें प्रोटीन की मात्रा न के बराबर होती है। इससे फैट और इन्फ्लेमेटरी फूड्स का सेवन अधिक मात्रा में हो जाता है और हेल्दी और तृप्त करने वाले पौष्टिक आहार का सेवन बिल्कुल नहीं होता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न खाने से शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं इशारा करते हैं कि बॉडी में प्रोटीन की कमी हो चुकी है और डाइट में इसकी मात्रा को बढ़ाना अब जरूरी हो गया है। आइए जानें।
मूड स्विंग
ब्रेन में मैसेज ट्रांसफर करने वाले केमिकल अमीनो एसिड के बने होते हैं। जब प्रोटीन की मात्रा कम होती है तो ये सिग्नल प्रभावित होते हैं और शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं जिससे मूड स्विंग होते हैं। ऐसे में, वक्त रहते समझ जाएं कि शरीर में प्रोटीन की कमी हो गई है।
थकान और कमजोरी
प्रोटीन की मात्रा कम होने के एक हफ्ते के अंदर ही आपको थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। प्रोटीन की कमी से मांसपेशियों में विकास नहीं होता है जिससे शरीर का संतुलन, पॉश्चर, मेटाबॉलिज्म और सक्रियता के लेवल कम होते जाते हैं। इससे थकान और कमजोरी महसूस होती है।
भूख
शरीर को एनर्जी देने वाले 3 मुख्य डाइट का एक बड़ा हिस्सा प्रोटीन होता है। कैलोरी और फैट के साथ प्रोटीन अगले मील तक पेट भरे होने का एहसास दिलाता है। प्रोटीन कम होने से अनावश्यक भूख लगती है जिससे ओवरइटिंग और वेट गेन की समस्या पैदा हो सकती है।
कमज़ोर इम्यून सिस्टम
विटामिन सी और जिंक की ही तरह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में प्रोटीन का बहुत महत्व है। अगर आप अक्सर बीमार पड़ जाते हैं तो संभव है कि आपके शरीर में प्रोटीन की कमी हो।
शुगर और कार्ब्स की क्रेविंग
खाने में प्रोटीन हो तो इसे ब्रेकडाउन होने में अधिक समय लगता है। इसलिए अगर खाने में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन हो तो अगले मील तक भूख नहीं लगती है। वहीं, शुगर और कार्ब्स तेजी से ब्लड शुगर लेवल को स्पाइक करते हैं जिससे एनर्जेटिक महसूस करने के लिए इनकी क्रेविंग बार बार होती है।