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Operation Sindoor सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है: राष्ट्र के नाम संबोधन में गरजे PM मोदी

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी अडिग इच्छाशक्ति और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के जरिए वैश्विक मंच पर एक नया इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए इस अभियान की सफलता और इसके पीछे की रणनीति को साझा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब न केवल आतंकवाद का जवाब देगा, बल्कि उसकी जड़ों को उखाड़ फेंकेगा। यह ऑपरेशन न केवल सैन्य कार्रवाई था, बल्कि भारत की एकता, संयम और साहस का प्रतीक भी था, जिसने आतंक के सरपरस्तों को उनकी औकात दिखा दी।

पहलगाम हमला: आतंक की वीभत्सता

22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भारत के लिए एक गहरी चोट था। इस हमले में आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया, उनकी आस्था पूछकर बेरहमी से हत्या की। यह केवल एक आतंकी कृत्य नहीं था, बल्कि भारत की एकता और सौहार्द को तोड़ने का घिनौना प्रयास था। प्रधानमंत्री ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इसने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया। उन्होंने इस दुखद घटना पर अपनी व्यक्तिगत पीड़ा व्यक्त की और कहा कि पूरा देश—हर नागरिक, हर समुदाय और हर राजनीतिक दल—आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

ऑपरेशन सिंदूर: न्याय की अखंड प्रतिज्ञा

ऑपरेशन सिंदूर भारत की उस अटल प्रतिज्ञा का प्रतीक है, जिसने 6-7 मई को दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवाया। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी अड्डों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इन हमलों ने न केवल आतंकी ढांचे को तहस-नहस किया, बल्कि उनके मनोबल को भी चकनाचूर कर दिया। मोदी ने गर्व से घोषणा की, “100 से अधिक खूंखार आतंकवादी, जिनमें भारत के खिलाफ दशकों से साजिश रचने वाले सरगना शामिल थे, इस अभियान में ढेर हुए।” यह भारत की वह ताकत थी, जिसका आतंकवादियों ने कभी सपने में भी अंदाजा नहीं लगाया था।

पाकिस्तान लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है। 9/11 हमले, लंदन ट्यूब बम विस्फोट और भारत में दशकों से चली आ रही आतंकी घटनाओं के तार इनके ठिकानों से जुड़े हैं। मोदी ने दो टूक कहा, “जब आतंकवादियों ने भारतीय महिलाओं की गरिमा को ललकारा, तो भारत ने आतंक के मुख्यालय को ही राख कर दिया।” यह ऑपरेशन ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत पर चलने वाले भारत की एकजुटता का परिणाम था।

पाकिस्तान की हताशा और भारत की जवाबी कार्रवाई

पाकिस्तान ने भारत के हमलों का जवाब देने की कोशिश की, लेकिन उसकी हर चाल नाकाम रही। उसने भारतीय स्कूलों, कॉलेजों, धार्मिक स्थलों और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, लेकिन भारत की उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों ने उसके ड्रोन और मिसाइलों को निष्प्रभावी कर दिया। भारतीय बलों ने पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाकर उसे भारी नुकसान पहुंचाया। पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को अप्रत्याशित क्षति झेलनी पड़ी।

10 मई को, भारी नुकसान के बाद, पाकिस्तानी सेना ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर तनाव कम करने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों और सैन्य हमलों को रोक देंगे। भारत ने स्थिति की समीक्षा के बाद अपने जवाबी अभियानों को अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला किया। हालांकि, मोदी ने स्पष्ट किया कि यह कोई अंत नहीं है—भारत पाकिस्तान के हर कदम पर नजर रखेगा और उसकी प्रतिबद्धताओं का आकलन करेगा।

भारत की सैन्य शक्ति और रणनीति

प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों—सेना, वायु सेना, नौसेना, बीएसएफ और अर्धसैनिक इकाइयों—की तारीफ की, जो हर समय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तैयार रहती हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद विरोधी नीति में एक नया पैमाना स्थापित किया है। भारत की रणनीति के तीन स्तंभ हैं:

  1. निर्णायक जवाबी कार्रवाई: किसी भी आतंकी हमले का मजबूत जवाब दिया जाएगा।

  2. एटॉमिक ब्लैकमेल को अस्वीकार: भारत परमाणु धमकियों से नहीं डरेगा।

  3. आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: आतंकवाद के हर रूप का खात्मा होगा।

मोदी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान मेड इन इंडिया रक्षा उपकरणों की ताकत साबित हुई। यह भारत की 21वीं सदी की युद्ध क्षमता का प्रमाण है।

पाकिस्तान को चेतावनी

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देना उसके पतन का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को अपना वजूद बचाना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा। उन्होंने भारत की नीति दोहराई: “टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते, टेरर और ट्रेड साथ नहीं हो सकते, खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” वैश्विक समुदाय से उन्होंने अपील की कि पाकिस्तान के साथ कोई बात केवल आतंकवाद और पीओके पर होगी।

शांति और एकता का संदेश

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मोदी ने भगवान बुद्ध की शांति की शिक्षाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शांति के लिए शक्ति जरूरी है। भारत को मजबूत रहना होगा ताकि वह अपने सिद्धांतों की रक्षा कर सके। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकता को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि यह युग युद्ध का नहीं, बल्कि शांति और समृद्धि का है। ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। यह अभियान न केवल सैन्य सफलता था, बल्कि भारत की एकता, संकल्प और शक्ति का प्रदर्शन भी था। प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की वीरता को सलाम किया और देशवासियों के साहस की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत शांति और समृद्धि की ओर बढ़ेगा, लेकिन अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए हमेशा तैयार रहेगा।

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