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मानव बम बनकर आतंकियों को नष्ट करने की मांग, पहलगाम आतंकी हमले से आक्रोशित दिल्ली के छात्र यश सिंह ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री को लिखा पत्र

देशभक्ति से ओतप्रोत 18 वर्षीय युवा यश सिंह ने राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय उदाहरण पेश करते हुए महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षा मंत्री को एक भावनात्मक, तीव्र और आक्रामक प्रार्थना पत्र भेजा है। दिल्ली निवासी यह बीए प्रथम वर्ष का छात्र कश्मीर के पहलगाम में हुए इस्लामिक आतंकी हमले से अत्यधिक आक्रोशित है, जिसमें 26 हिंदुओं को केवल उनके धर्म के आधार पर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था।

यश सिंह ने अपने पत्र में आग्रह किया है कि उसे मानव बम बनाकर पाकिस्तानी शत्रु सेना और आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का अवसर दिया जाए। उसने लिखा कि बचपन से ही भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा का सपना देखा था, लेकिन दुर्भाग्यवश शारीरिक अर्हता के कारण भर्ती नहीं हो सका। फिर भी राष्ट्र के लिए बलिदान देने की ज्वाला उसके हृदय में निरंतर धधकती रही है।

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युवक ने स्पष्ट किया कि हालिया आतंकी हमले ने उसके जीवन का उद्देश्य तय कर दिया है — अब उसका लक्ष्य मात्र व्यक्तिगत उन्नति नहीं, बल्कि भारत माता के दुश्मनों का समूल नाश करना है। यश सिंह ने मांग की है कि उसे और उसके जैसे हजारों राष्ट्रभक्त युवाओं को आत्मबलिदानी दस्तों (बैटलियनों) के रूप में संगठित कर आतंकवादियों के गढ़ों में भेजा जाए। उन्होंने धीमे ट्रिगर बमों से आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की योजना भी प्रस्तुत की है।

पत्र में युवक ने लिखा है कि वह स्वयं और उसके साथी परिवार की अनुमति लेकर अपने प्राणों का बलिदान देने को तत्पर हैं। उनका एकमात्र ध्येय है — भारत माता की रक्षा और भारत विरोधी शक्तियों का विनाश। यदि सरकार इस ज्वलंत देशभक्ति को उचित दिशा देती है तो आतंकी संगठनों के हौसले पस्त हो जाएंगे और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा और भी ऊंची होगी।

यश सिंह ने चेतावनी भी दी कि यदि इस प्रचंड ऊर्जा को सही मार्गदर्शन नहीं मिला, तो यह युवाओं के भीतर असंतोष का विस्फोट कर सकती है। अतः उसने सरकार से मांग की कि उसे और उसके जैसे युवाओं को देश के लिए मर मिटने का अवसर तुरंत प्रदान किया जाए।

यश का यह पत्र आज के युवाओं में राष्ट्रवाद की प्रचंड ज्वाला का प्रतीक है, जो देशद्रोहियों के समूल विनाश हेतु अपने सर्वस्व का बलिदान देने को आतुर हैं।

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