देश में दलित-मुस्लिम एकता के नारे खूब गूंजते हैं। सड़कों पर, सभाओं में, सोशल मीडिया पर “जय भीम-जय मीम” का शोर मचाया जाता है, मानो यह एकता अटूट हो। लेकिन जब कोई मुस्लिम दलित पर अत्याचार करता है, तब ये नारे लगाने वाले अचानक खामोश हो जाते हैं। उनकी एकता की पोल खुल जाती है, और सामने आता है इस ढोंग का घिनौना चेहरा। लखनऊ के मलिहाबाद में हुई ताजा घटना इसका जीता-जागता सबूत है, जहां एक दलित युवक पर पड़ोसी सलमान ने चापड़ से गला रेतकर जान लेने की कोशिश की। इस क्रूरता के सामने “जय भीम-जय मीम” का नारा खोखला साबित हुआ, जिसे कुछ लोग सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं।
मलिहाबाद में खौफनाक वारदात
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद थाना क्षेत्र में मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 की रात करीब 10 बजे एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। 17 वर्षीय दलित युवक प्रियांशु गौतम अपने दोस्त आनंद के साथ घर के बाहर चबूतरे पर बैठकर बातें कर रहा था। तभी पड़ोसी सलमान वहां पहुंचा और आनंद से मसाला लाने को कहा। आनंद ने इनकार किया तो सलमान ने गाली-गलौज शुरू कर दी। प्रियांशु ने इसका विरोध किया तो सलमान ने उसे धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। फिर उसने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए प्रियांशु के सीने पर बैठकर चापड़ से उसकी गर्दन पर ताबड़तोड़ वार किए। प्रियांशु की गर्दन की मुख्य नस कट गई, और उसका सिर भी फट गया। खून से लथपथ प्रियांशु जमीन पर तड़पने लगा।
प्रियांशु को बचाने की कोशिश में आनंद बीच में आया, लेकिन सलमान ने उस पर भी हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया। आसपास के लोग शोर सुनकर दौड़े, लेकिन तब तक सलमान मौके से फरार हो चुका था। यह हमला इतना खौफनाक था कि प्रत्यक्षदर्शियों के रोंगटे खड़े हो गए। प्रियांशु की हालत बेहद नाजुक है, और उसे तुरंत ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, जहां वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। आनंद की हालत भी गंभीर है, लेकिन खतरे से बाहर बताई जा रही है।
परिजनों का आरोप: सलमान की थी हत्या की नीयत
प्रियांशु के नाना चंद्रिका ने बताया कि सलमान पूरी तैयारी के साथ हत्या के इरादे से आया था। उसने पहले गाली-गलौज कर माहौल गरम किया और फिर सुनियोजित तरीके से हमला बोला। परिजनों का कहना है कि सलमान ने प्रियांशु की गर्दन पर कम से कम तीन बार चापड़ से वार किए, जिससे उसकी मुख्य नस कट गई। उन्होंने सलमान को मनबढ़ और अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति बताया, जो आए दिन इलाके में गाली-गलौज और मारपीट करता रहता है। पहले भी उसने कई बार बच्चों और पड़ोसियों को पीटा है। जब लोग शिकायत लेकर उसके परिजनों के पास जाते हैं, तो वे उल्टा शिकायतकर्ताओं से झगड़ा करने लगते हैं। परिजनों ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी गुंडागर्दी को कौन संरक्षण दे रहा है?
पुलिस की कार्रवाई और इलाके में तनाव
घटना की सूचना मिलते ही लखनऊ पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा। पुलिस ने सलमान को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है। दो समुदायों से जुड़ा मामला होने के कारण मलिहाबाद में तनाव का माहौल है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी बाजार खाला, एसीपी मलिहाबाद समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। इलाके में भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती की गई है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
नारों की सच्चाई उजागर
यह घटना उस समय हुई है, जब देश में दलित-मुस्लिम एकता के नारे जोर-शोर से गूंज रहे हैं। लेकिन मलिहाबाद की इस वारदात ने इन नारों की सच्चाई को बेनकाब कर दिया। जब एक दलित युवक पर क्रूर हमला होता है, उसकी जान पर बन आती है, तब “जय भीम-जय मीम” का ढोल पीटने वाले कहां गायब हो जाते हैं? यह घटना साबित करती है कि ये नारे सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ और वोटबैंक की खातिर गढ़े गए हैं। जब बात असल में दलितों के हक और सुरक्षा की आती है, तो ये तथाकथित एकता धरी की धरी रह जाती है।
यह घटना सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि जय भीम–जय मीम के नकाब को नोचकर सच्चाई सामने लाने वाला आईना है। अगर यही वार किसी दलित ने किसी मुस्लिम पर किया होता, तो देश में नफरत, असहिष्णुता, दलित उत्पीड़न और मॉब लिंचिंग की लहर चल पड़ी होती। लेकिन जब मुस्लिम युवक ने दलित की गर्दन काट दी, तब ये नकली सहानुभूति रखने वाले एक्टिविस्टों, पत्रकारों और राजनीतिक मसीहाओं की ज़ुबान पर ताले लग गए।
न्याय की मांग
प्रियांशु के परिजन और स्थानीय लोग सलमान के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि एक समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत का प्रतीक है। इस घटना ने समाज में गहरे जख्म दिए हैं, जिन्हें भरने के लिए निष्पक्ष जांच और कठोर सजा जरूरी है।
आगे क्या?