भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन की यात्रा पर कुवैत पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. 43 वर्षों बाद यह पहला मौक़ा है, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत पहुंचा है. पीएम मोदी ने ‘हाला मोदी’ इवेंट में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया और उन्हें कुंभ मेला, गणतंत्र दिवस और अन्य त्योहारों के मौके पर भारत भ्रमण का आग्रह किया। उन्होंने भारत और कुवैत के बीच सदियों पुराने व्यापारिक संबंधों की सराहना की, साथ ही इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर को दुनिया के लिए नई दिशा बताया।
इससे पहले पीएम मोदी ने मीना अब्दुल्लाह में एक श्रमिक शिविर का भी दौरा किया, जहां उन्होंने लगभग 1500 भारतीय कामगारों से बातचीत की और उनका हालचाल पूछा। ‘हाला मोदी’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर दुनिया को नई दिशा देगा। भारत कुवैत संबंधों पर बात करते हुए PM मोदी ने कहा कि भारत के स्किल और क्रिएटिविटी से दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 19वीं सदी में भी भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत थे। हमारा साझा समुद्र है, साझा स्नेह है, साझा व्यापार है और सबसे महत्वपूर्ण, साझा संवेदनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत का पारंपरिक आयुर्वेद और आयुष उत्पाद दुनिया के स्वास्थ्य को बेहतर बना रहे हैं। नालंदा से लेकर IIT तक, भारत की ज्ञान परंपरा दुनिया को मजबूती दे रही है। पिछले साल G-20 समिट में India–Middle East–Europe Economic Corridor की घोषणा हुई थी। यह कॉरिडोर दुनिया को नई दिशा देगा।
पीएम मोदी ने प्रवासियों को भारत आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा, त्योहारों का मौसम, कुंभ मेला और गणतंत्र दिवस देखने भारत आइए। कुवैत के लोगों को भी भारत घूमने के लिए प्रेरित कीजिए। उन्होंने बताया कि भारत डिजिटल रूप से स्मार्ट हो गया है और यह तो बस शुरुआत है। दोनों देशों के बीच साझेदारी पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे ‘स्किल, क्रिएटिविटी, तकनीक और ह्यूमन रिसोर्स’ की जरूरत बताई।
प्रधानमंत्री मीना अब्दुल्ला क्षेत्र में स्पिक लेबर कैंप पहुंचे, जहां करीब 1,500 भारतीय कामगार कार्यरत हैं। मोदी ने भारत के विभिन्न राज्यों से आने वाले इन कामगारों का हालचाल जाना। यह श्रमिकों के नाश्ते का समय था इसलिए उन्होंने खाने की टेबल पर उनके साथ बातचीत की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कामगार शिविर का यह दौरा दर्शाता है कि भारत विदेश में बसे अपने कामगारों को कितनी अहमियत देता है। बता दें कि प्रधानमंत्री ने इस वर्ष कुवैत में आग लगने की एक घटना में 40 से अधिक भारतीय नागरिकों के मारे जाने पर प्रधानमंत्री राहत कोष से उनके परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी।