नई दिल्ली में आज यानी बुधवार को दिल्ली भाजपा के 4 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की. वहीं दिल्ली देहात से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी, दक्षिणी दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली से सांसद कमलजीत सहरावत एवं उत्तर पश्चिमी दिल्ली से सांसद योगेन्द्र चांदोलिया शामिल थे। माननीय उपराज्यपाल महोदय ने भाजपा सांसदों द्वारा सौंपे गये ज्ञापन का संज्ञान लेते हुये उस पर उचित कार्रवाई करवाने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन में उठाये गये दिल्ली देहात के प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:-
1. म्यूटेशन- 5 से 6 वर्ष पूर्व 89 गांवों को शहरीकृत घोषित कर दिया गया था जिससे दिल्ली देहात में जितनी भी कृषि भूमि है उसमें दिल्ली भूमि सुधार बंद कर दिया गया था, तथा यह गांव दिल्ली विकास प्राधिकरण को विकास के लिए सौंप दिये गये थे। इसके बाद म्यूटेशन को बंद कर दिया गया था। इस वजह से न तो कोई किसान जमीन को बेच सकता है और न ही कृषि जमीन उनके लीगल हायर्स को ट्रांस्फर हो पाती है। इस कारण किसान परिवारों को बहुत दिक्कत हो रही है। आपसे अनुरोध है कि इसे तुरन्त हटवाने की कृपा करें।
2. अल्टरनेट प्लॉट – दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के गांवों की खेती की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 2002-03 में किया गया था। सरकार की खेती की जमीन अधिग्रहण करने के अनुसार किसानों को मुआवजे के साथ-साथ एक रिहायशी वैकल्पिक प्लाट देने एवं रोजगार के लिये एक दुकान देने का प्रावधान था, परन्तु 20 वर्षों के पश्चात भी यह अभी तक नहीं दिये गये। इस समस्या से दिल्ली के ज्यादातर गांव प्रभावित हैं। दिल्ली सरकार 2016 तक वैकल्पिक प्लॉटों का आवंटन करने की सिफारिश करती रही और उस सिफारिश पर डीडीए प्लॉट आवंटन करती रही है किन्तु वर्ष 2019 में किसानों के वैकल्पिक प्लाटों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले 2011 “दिल्ली प्रशासन बनाम जय सिंह कंवर” को आधार बनाते हुये किसानों के आवेदनों को रद्द कर दिया। एक ही अवार्ड में एक भाई का प्लॉट आवंटित हो गया और दूसरे का निरस्त कर दिया गया किन्तु कार्रवाई को छिपाने हेतु किसानों को इस आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई।
2022 में समिति के प्रयास से कुछ किसानों को दूसरे नाम से इस आदेश की प्रति उपलब्ध कराई गई किन्तु आज भी बहुत से किसानों के पास इस आदेश की प्रति नहीं है। समिति ने किसानों के खिलाफ सरकार के इस षडयंत्र की जांच की मांग भी की थी किन्तु सरकार ने कोई जांच नहीं कराई। आपसे अनुरोध है कि आप इस मामले का संज्ञान लेते हुये किसानों के हित में दिल्ली सरकार की नीति अनुसार वैकल्पिक प्लॉट एवं दुकान का आवंटन करवाने का आदेश जारी करें।
3. बिजली के मीटर के लिए डीडीए एन.ओ.सी. – महोदय, जैसा कि पूरी दिल्ली में मास्टर प्लॉन 2041 के तहत एवं नई कालोनियों को बनाने से रोकने के लिये डीडीए ने 26 जून, 2023 को बिजली कंपनियों के साथ हुई एक बैठक में बिजली कंपिनयों को निर्देश दिया था, जिसमें उन्हें नये बिजली के मीटर के आवेदन पर डीडीए से एनओसी की मांग करने की बात कही थी। इसके पश्चात 1671 अनधिकृत कालोनियों के अंदर जो भी नये मकान बनाये जा रहे हैं उन्हें बी.एस.ई.एस. बिजली के नये मीटर नहीं दे रही है, जिसमें डीडीए से एन.ओ.सी. की समस्या आ रही है।
जिन घरों में पहले से मीटर लगे हैं और वे भी नये मीटर कनेक्शन अप्लाई कर रहे हैं उनके साथ भी समस्या है। इसके साथ ही लालडोरा गांवों एवं 20 सूत्रीय प्लॉटों में भी डीडीए की एन.ओ.सी. न मिलने की वजह से बिजली के कनेक्शन नहीं हो पा रहे है। आपसे अनुरोध है कि इस समस्या का संज्ञान लेते हुये शीघ्र ही इसका निदाने करने की कृपा करें ताकि लोगों को बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित न रहना पड़े।
4. पी.एम. उदय सर्वे कालोनी – पीएम उदय स्कीम हेतु कालोनियों में एक सर्वे कराया गया था जिसमें इन कालोनियों का कुछ हिस्सा इस स्कीम में शामिल होने से रह गया था। अतः आपसे अनुरोध है कि बचे हुये हिस्से पर फिर से सर्वे कराकर इन कालोनियों को भी स्कीम में शामिल किया जाये।