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दिल्ली से पलायन को मजबूर हिंदू परिवार ? ब्रह्मपुरी में ‘मकान बिकाऊ है’ के लगे पोस्टर

दिल्ली के ब्रह्मपुरी क्षेत्र की लेन नंबर 12 में एक मस्जिद के विस्तार को लेकर गहरा विवाद उत्पन्न हो गया है। इस विवाद ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय हिंदू परिवारों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अपने घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगा दिए हैं। यह स्थिति खास तौर पर पास में स्थित शिव मंदिर के कारण और भी संवेदनशील हो गई है। मस्जिद का विस्तार और इसके आसपास की घटनाएं स्थानीय लोगों के बीच भय और असुरक्षा की भावना को बढ़ा रही हैं।

60 वर्षीय राधा वर्मा, जिनके घर पर भी ‘मकान बिकाऊ है’ का बोर्ड लगा हुआ है, ने अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “मुझे याद है कि जब यहां दंगे भड़के थे, मेरी बहू गर्भवती थी और हम बहुत डरे हुए थे। अब जब मस्जिद के विस्तार की बात हो रही है, तो हम और अधिक चिंतित हैं।”

अन्य हिंदू परिवारों ने भी इसी तरह की चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि वे वर्षों से इस इलाके में रह रहे हैं, लेकिन अब उन्हें लगता है कि यहां रहना सुरक्षित नहीं है। स्थानीय लोगों के अनुसार, गली पहले से ही संकरी है और मस्जिद का विस्तार विवाद को और बढ़ा सकता हैपुलिस ने इस मामले में सतर्कता बरतते हुए इलाके में निगरानी बढ़ा दी है। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, “मंगलवार सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक बैरिकेड्स लगाए गए थे और गली को कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया गया था। स्थिति सामान्य होने पर बैरिकेड्स हटा लिए गए। कुल मिलाकर इलाके में शांति है, लेकिन कुछ लोग बेवजह तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।” इस बीच, दिल्ली नगर निगम (MCD) ने मस्जिद के निर्माण कार्य को रोकने का नोटिस जारी कर दिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन इस विवाद को गंभीरता से ले रहा है और शांति बनाए रखने के लिए कदम उठा रहा है।

लेन नंबर 13 में स्थित मस्जिद को नियमों के खिलाफ लेन नंबर 12 तक विस्तार देने की कोशिश की जा रही है। निर्माण स्थल पर नगर निगम का ‘कारण बताओ’ नोटिस स्पष्ट करता है कि तथ्यों को छिपाकर नक्शा स्वीकृत कराया गया था। इस कारण फरवरी के मध्य में निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया था। आरोप है कि नक्शा आवासीय श्रेणी में पास कराया गया, जबकि इसका उपयोग मस्जिद के विस्तार के लिए किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, गली नंबर 12 में 75-75 गज के दो भूखंडों को जोड़कर मस्जिद का विस्तार करने के लिए डेढ़ महीने पहले शुरुआती निर्माण शुरू हुआ था।

मस्जिद का एक गेट लेन नंबर 12 में बनाने के लिए ढांचा भी तैयार कर लिया गया था, जिसे नीली चादर से ढककर रखा जाता था। इस स्थल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर एक पुराना शिव मंदिर स्थित है। लोगों का कहना है कि अगर मस्जिद का गेट यहां खुलता है, तो भविष्य में विवाद की स्थिति बन सकती है। खासकर त्योहारों के दौरान भीड़ जुटने पर दोनों समुदायों को परेशानी हो सकती है। कुछ निवासियों का आरोप है कि जानबूझकर ऐसा निर्माण कराया जा रहा है ताकि हिंदू परिवारों को पलायन के लिए मजबूर किया जा सके।

लोगों ने यह भी शिकायत की है कि दूसरे समुदाय के युवक गालियां देते हैं, रात में हुड़दंग मचाते हैं और घरों के गेट व दुकानों के शटर पर पत्थर मारते हैं। ब्रह्मपुरी की विभिन्न गलियों में नौ मंदिर हैं, लेकिन वहां घंटी बजाने वाला कोई नहीं बचा। धीरे-धीरे हिंदू परिवार पलायन कर गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियां पैदा की जाती हैं कि हिंदुओं को घर बेचकर जाना पड़ता है। कुछ का दावा है कि इसके लिए विदेशों से भी फंडिंग हो रही है।

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा, “मैंने गली नंबर 12 के लोगों को आश्वासन दिया है कि वे न डरें और न अपने मकान बेचें। प्रशासन को इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।” यह स्थिति ब्रह्मपुरी में बढ़ते तनाव और सामुदायिक असंतुलन को दर्शाती है, जिसके समाधान के लिए संवेदनशीलता और प्रभावी कदमों की जरूरत है।

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