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100 से ज्यादा आतंकी और LOC पर 35-40 पाकिस्तानी सैनिक किए ढेर, 11 एयरबेस और एयर डिफेंस सिस्टम किए तबाह, शिव तांडव स्तोत्र के साथ भारतीय सेना ने दी Operation Sindoor की पूरी जानकारी

भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला ले लिया है। 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद आतंकियों ने घमंड में कहा था, “मोदी को बता देना!”  फिर भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान की धरती पर ऐसा तांडव मचाया कि आतंक का हर ठिकाना मलबे में तब्दील हो गया। 11 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों ने दुनिया को बताया कि कैसे भारत ने आतंकियों को मार गिराया और आतंकी अड्डों को तबाह किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में एक वीडियो चलाया गया, जिसमें शिव तांडव का संगीत गूंज रहा था। इस वीडियो में 2008 के मुंबई हमले, 2019 के पुलवामा हमले और ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के दृश्य थे। यह वीडियो भारत के संकल्प का प्रतीक था—आतंक का जवाब अब केवल शब्दों से नहीं, बल्कि ताकत से दिया जाएगा। इसके बाद तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों ने एक-एक कर पाकिस्तान में मचाई गई तबाही का लेखा-जोखा पेश किया।

भारतीय थल सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा, “हमने आतंक के 9 ठिकानों को तबाह किया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिनमें हाई-वैल्यू टारगेट मुदस्सर खास, हाफिज जमील और यूसुफ अजहर शामिल हैं।” ये तीनों आतंकी 1999 के आईसी-814 अपहरण और 2019 के पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड थे।

पाकिस्तान ने इस कार्रवाई के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। उसने आम नागरिकों, गांवों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों पर हमले किए, जिसमें कई मासूमों की जान गई। इसके बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में 35-40 पाकिस्तानी सैनिकों को LOC पर मार गिराया।

भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि 8 और 9 मई की रात दुश्मन ने श्रीनगर से लेकर नलिया तक ड्रोन और UAV के जरिए हमला किया। लेकिन भारत की एयर डिफेंस पूरी तरह सतर्क थी। एयर मार्शल ने बताया कि भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर, गुजरांवाला, रहीम यार खान, चकलाला, जैकोबाबाद, सरगोधा और भुलरी जैसे ठिकानों पर सटीक बमबारी की और दुश्मन के रडार सिस्टम, एयर डिफेंस यूनिट और कमांड सेंटर को तबाह कर दिया।

जब एयर मार्शल भारती से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान के फाइटर पायलट मारे गए हैं, उन्होंने दो टूक जवाब दिया — “हमारा काम टारगेट हिट करना है, लाशें गिनना नहीं। वो पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वो अपनी तबाही गिने।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारत का कोई भी पायलट पाकिस्तान में ऑपरेशन के दौरान हताहत नहीं हुआ, और सभी सुरक्षित लौट आए। वहीं पाकिस्तान का कोई भी फाइटर जेट भारतीय सीमा में घुस नहीं पाया।

भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना ने पूरे समय पाकिस्तान की समुद्री गतिविधियों पर नजर बनाए रखी। उन्होंने बताया कि अरब सागर में नौसेना की तैनाती इस तरह से की गई थी कि पाकिस्तान की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। कराची से लेकर समुद्र में हर मूवमेंट को ट्रैक किया गया और जरूरत पड़ने पर ताबड़तोड़ स्ट्राइक के लिए तैयारियां पूरी थीं।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं ने मिलकर रणनीतिक तौर पर पाकिस्तान को उसकी हैसियत दिखाई। भारतीय सेना की योजना नॉन-एस्केलेटरी रही, लेकिन दुश्मन की हर हरकत पर कड़ी नजर और कड़ा जवाब मौजूद था।

10 मई को पाकिस्तानी DGMO ने भारतीय DGMO को कॉल कर संघर्षविराम की अपील की। 3:30 बजे हुई बातचीत में तय हुआ कि 5 बजे के बाद दोनों पक्ष कोई हमला नहीं करेंगे। लेकिन पाकिस्तान की आदत के मुताबिक, कुछ घंटों में ही उन्होंने ड्रोन अटैक और फायरिंग कर दी। इसके बाद भारत ने चेतावनी के साथ पलटवार किया।

राजीव घई ने प्रेस को बताया, “हमने पाकिस्तानी DGMO को स्पष्ट संदेश दिया कि हम पर हमला किया गया, हमने जवाब दिया है। अगर दोबारा ऐसा हुआ तो हमारी कार्रवाई और भी भारी होगी।”

ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, बल्कि पाकिस्तान के हौसले भी पस्त कर दिए। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की गीदड़भभकी और उनके दावों को भारतीय सेना ने सबूतों के साथ खारिज कर दिया। सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा की पोल खुल गई, जहां पुरानी तस्वीरें और वीडियो गेम की क्लिप्स को ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए इस्तेमाल किया गया।

ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारत का संदेश साफ कर दिया—आतंक के खिलाफ अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रुख अपनाया जाएगा। भारतीय सेनाओं की एकजुटता, तकनीकी क्षमता और कूटनीतिक रणनीति ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। यह ऑपरेशन न केवल पहलगाम के बलिदानियों को न्याय दिलाने का प्रतीक है, बल्कि भारत की उस अटल इच्छाशक्ति का सबूत है, जो आतंक के हर ठिकाने को मिट्टी में मिलाने को लेकर प्रतिबद्ध है।

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