वो बात करते है दलित मुस्लिम एकता की. वो नारा लगाते हैं जय भीम जय मीम का. दलित मुस्लिम एकता के नैरेटिव की आड़ में कोशिश की जाती है हिंदू धर्म के मूल दलित समाज को सनातन से अलग करने की. दलित मुस्लिम एकता तथा जय भीम जय मीम के नारे लगाने वालों ने रघु पासवान की हुई बर्बर हत्या पर चुप्पी साध ली है. न तो इस घटना पर ओवैसी के मुख से कोई शब्द फूट रहा है और न चंद्रशेखर रावण द्वारा कुछ बोला जा रहा है.
बड़ी बात ये है कि ‘गिनती करो’ की बात कर हिंदू धर्म में जाति कि राजनीति को हवा दे रहे राहुल गांधी ने भी कुछ नहीं कहा है. बिहार के दरभंगा के दलित पासवान का अपराध ये था कि उसने मुस्लिम लड़की अफसाना (बदला हुआ नाम) से प्यार किया था. जब तक रघु पासवान जय भीम जय मीम बोलता रहा, तब तक तो वह दलित भाई था. लेकिन जैसे ही पता चला कि रघु पासवान ने मुस्लिम लड़की से प्यार किया है, रघु को तुरंत काफिर घोषित कर दिया गया और 7 टुकड़ों में काटकर उसकी हत्या कर दी गई.