Homeराज्यदिल्‍लीघर में नमाज, फिर मस्जिद, अब इलाके पर कब्जी साजिश ? आखिर...

घर में नमाज, फिर मस्जिद, अब इलाके पर कब्जी साजिश ? आखिर क्यों पलायन करना चाह रहे ब्रह्मपुरी के हिंदू ?

‘ये मकान बिकाऊ है’, दिल्ली के ब्रह्मपुरी में ऐसे तमाम पोस्टर लगे हुए हैं. ये पोस्टर हिंदुओं के मकानों पर लगे हुए हैं. अपनी मेहनत और खून पसीने से बनाए गए मकानों को ब्रह्मपुरी के हिंदू बेचने को मजबूर हैं. ये दिल्ली का वो क्षेत्र हैं जो 2020 हिंदू विरोधी दंगों का भी शिकार हुआ था. अब अवैध मस्जिद को लेकर यहां के हिंदू अपने मकान बेचकर पलायन को मजबूर हैं. ये खबर सामने आने के बाद यहां की स्थिति तनावपूर्ण हो गई है

खौफ के साए में हिंदू

स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि स्थिति ऐसी हो गई है कि वे अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर महसूस करते हैं। उनका आरोप है कि जब पहले से ही एक बड़ी मस्जिद मौजूद है, तो दूसरी अवैध मस्जिद बनाने की क्या जरूरत है? लोगों का कहना है, “अगर ये मस्जिद बन जाएगी, तो यहां कौन रह पाएगा? ये लोग हर घर में मस्जिद और मदरसा बनाना चाहते हैं।” इसके साथ ही, हिंदुओं का आरोप है कि कट्टरपंथी उनके मंदिरों के सामने मांस फेंकते हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। यह दर्द, गुस्सा, नाराजगी और डर का मिला-जुला रूप है, जो देश की राजधानी में हिंदुओं को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा है। उनके घरों पर लगे “मकान बिकाऊ है” के पोस्टर इस बात की गवाही दे रहे हैं।

कई परिवारों ने लगाए पोस्टर

ब्रह्मपुरी की गली नंबर-12 में यह कोई एक-दो घरों की बात नहीं है, बल्कि कई परिवारों ने अपने घरों को बेचने का फैसला किया है। हमारी टीम ने जब एक ऐसे घर में दस्तक दी, तो वहां रहने वाले हिंदुओं ने साफ कहा, “अगर अवैध मस्जिद बनेगी, तो हम यहां नहीं रह सकते।” वे मदरसों को लेकर भी कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका दावा है कि पहले एक घर में नमाज पढ़ने की शुरुआत हुई, फिर धीरे-धीरे उसे मस्जिद का रूप दे दिया गया। अब उसी मस्जिद का क्षेत्र बढ़ाने की कोशिश हो रही है, जिसका वे विरोध कर रहे हैं।

घर में शुरू की गई नमाज, फिर बना दी मस्जिद

स्थानीय लोगों के मुताबिक, गली नंबर-13 में पहले एक साधारण घर था, जिसमें नमाज पढ़ी जाने लगी। समय के साथ उस घर को मस्जिद में बदल दिया गया, और अब इसे गली नंबर-12 तक विस्तार देने की योजना है। हिंदुओं का कहना है कि इससे उनकी बहू-बेटियों का घर से निकलना पहले ही मुश्किल हो गया है। वे पूछते हैं, “जब मंदिर से कुछ ही कदम की दूरी पर मस्जिद होगी, तो हमारी स्थिति क्या होगी?” उनका आरोप है कि मस्जिद अभी पूरी तरह बनी भी नहीं है, लेकिन कट्टरपंथी मंदिरों के बाहर मांस फेंककर उनकी आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा, शोभायात्राओं पर पथराव की घटनाएं भी सामने आई हैं। क्या यह सब दंगे भड़काने की साजिश का हिस्सा नहीं है, खासकर तब जब यह इलाका पहले भी दंगों का दंश झेल चुका है?

क्षेत्र में बढ़ रही मुस्लिम आबादी ?

उत्तर-पूर्वी दिल्ली की डेमोग्राफी इस तनाव की बड़ी वजह है। दिल्ली में कुल आबादी का करीब 80% हिंदू और 13% मुस्लिम हैं, लेकिन इस खास जिले में मुस्लिम आबादी लगभग 30% है, जो औसत से दोगुने से भी ज्यादा है। सीलमपुर, शाहदरा और सीमापुरी जैसे इलाकों में 2020 में हुए दंगों की यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। उस दहशत और दर्द का असर आज भी देखा जा सकता है। हाल ही में एक घटना सीसीटीवी में कैद हुई, जिसमें कुछ लोगों ने रात के अंधेरे में “मकान बिकाऊ है” के पोस्टर फाड़ दिए। स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि उनके पास इसके सबूत हैं, जो वे मोबाइल में दिखा रहे हैं। इस घटना ने इलाके में डर को और बढ़ा दिया है।

पहले नमाज, फिर मस्जिद, फिर इलाके पर कब्जा ?

हिंदुओं का आरोप है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। उनका कहना है कि पहले घरों में नमाज पढ़ने की शुरुआत होती है, फिर उसे मस्जिद का रूप दे दिया जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे इलाके पर कब्जे की कोशिश की जाती है, जिससे हिंदुओं को पलायन करना पड़ता है। गली नंबर-12 के निवासियों का कहना है कि मस्जिद का विस्तार मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर हो रहा है, जिससे भविष्य में और विवाद की आशंका है। उनका डर यह भी है कि त्योहारों के दौरान भीड़ बढ़ने पर स्थिति और बिगड़ सकती है।

महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल

लोगों की चिंता ये है कि हिंदुओं की बहू-बेटियों का घर से निकलना अभी से मुहाल हो चुका है. ऐसे में जब मंदिर से चंद कदम दूर मस्जिद होगी तो क्या होगा. अभी तो अवैध मस्जिद पूरी बनी भी नहीं है और आरोप है कि हिंदू मंदिरों के बाहर कट्टरपंथी जानबूझकर उनके घरों के आगे मांस फेंक देते हैं. हिंदुओं की शोभायात्रा में पथराव करने के भी आरोप हैं. आस्था पर चोट पहुंचाने के साथ ही क्या ये दंगे भड़काने की साजिश नहीं है क्योंकि ये इलाका पहले भी दंगे का दंश झेल चुका है. इस इलाके की तनाव और दंगे की वजह है यहां की डेमोग्राफी.

हिंदू संगठन आए मैदान में

इस साजिश के खिलाफ अब हिंदू संगठन भी मैदान में उतर आए हैं। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय भगवान गोयल अपने समर्थकों के साथ गली नंबर-12 पहुंचे और अवैध मस्जिद निर्माण का विरोध किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें मस्जिद के पास जाने से रोक दिया। गोयल ने लोगों से अपील की कि वे डरें नहीं और अपने घर न बेचें। उनका कहना है कि यह सुनियोजित तरीके से हिंदुओं को टारगेट करने की कोशिश है, जिसे रोका जाना चाहिए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments