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कुरुक्षेत्र की भूमि Haryana में भगवा सुनामी… जातिगत राजनीति पर भाजपा के धर्म और विकास की जीत

8 अक्टूबर को सुबह 8 बजे कांग्रेस कार्यालय में जलेबियां बंट रही थीं. लश्कर मीडिया के कार्यालयों में भी जश्न का माहौल था. दरअसल बात हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर थी. सोशल मीडिया के हवा हवाई और लश्कर मीडिया के दरबारी आंकड़ों से कांग्रेस उत्साहित थी. परिणामों से पहले ही कांग्रेस ये मान चुकी थी कि हरियाणा में उसने भाजपा को हरा दिया है. अब जब परिणाम सामने आए हैं तो पासा पूरी तरह से पलट चुका है.

कुरुक्षेत्र की धरती हरियाणा में भाजपा का कमल खिल खिल चुका है. हरियाणा लगातार तीसरी बार भाग्वामय हो चुका है. हरियाणा में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बना चुकी है. जिस हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का संदेश दिया, जिस हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्मफल के सिद्धांत का संदेश दिया, जिस हरियाणा में अधर्म की राह पर चल रहे कौरवों को पांडवों को परास्त किया, उस हरियाणा में एक बार पुनः धर्म की विजय हुई है.

एक तरफ कांग्रेस पार्टी थी जो जातिगत जनगणना और दलित, OBC, सवर्ण जैसे एजेंडे चलाकर हिंदुओं में विघटन कर सत्ता सत्ता चाहती थी तो दूसरी तरफ भाजपा थी जो सबका साथ सबका विकास के साथ हिंदुत्व के मूलमंत्र ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ का पालन कर रही थी. हरियाणा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाभकारी योजनाएं थीं, चंद महीनों पहले मुख्यमंत्री बने नायब सैनी का संघर्ष था, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली की बूथ लेवल की रणनीति थी और भाजपा कार्यकर्ताओं का निस्वार्थ भाव से किया था परिश्रम था.

इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हरियाणा में हुंकार भरी कि बंटोगे तो कटोगे. भाजपा सर्वांगीण विकास के साथ धर्म और संस्कृति की बात कर रही थी तो कांग्रेस जाति, जाति और जाति की बता कर रही थी. ऐसे में कुरुक्षेत्र की धरती हरियाणा की प्रजा को धर्म और जाति में से एक को चुनना था, तुष्टीकरण और तृप्तीकरण में से एक को चुनना था. ऐसे में पूरे देश की नजरें हरियाणा पर टिकी हुई थीं.

राहुल गांधी जहां भी जाते, जाति की बात करते वहीं भाजपा जाति से परे धर्म और विकास की बात करती. 8 अक्टूबर को जब चुनाव परिणाम आए तो हरियाणा वालों ने हरियाणा को जिता दिया. हरियाणा वालों ने बड़े ही धैर्य और शांति से उद्घोष किया कि जिस हरियाणा में कुरुक्षेत्र हुआ, जिस हरियाणा में श्रीमद्भगवद्गीता सुनाई गई, उस हरियाणा में अध्यात्मिक विकास ही जीतेगा और जनता को जातियों में बांटने वालों की हार होगी.

हरियाणा में तमाम कोशिशें करने के बाद कांग्रेस चुनाव हार गई है और तमाम विरोधों के बाद भाजपा चुनाव जीत गई है. हरियाणा में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी. अगले 5 साल हरियाणा में फिर से कमल खिला रहेगा. हरियाणा ने पूरे देश को भी संकेत दिया है कि अगर आप विकास और शांति चाहते हो तो संगठित रहो. जाति, जाति और जाति करने वाले राजनेताओं को नकारो और उसे चुनो जो न सिर्फ विकास करे बल्कि धर्म की स्थापना भी करे. फिलहाल हरियाणा वालों को ऐसी पार्टी भाजपा ही दिखाई दी है और विजय का तिलक भाजपा का किया है.

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