उत्तर प्रदेश के नोएडा जनपद से लव जिहाद का एक गंभीर मामला सामने आया है जिसने समाज और कानून-व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। गढ़ी चौखंडी क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहित महिला को प्रेमजाल में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और निकाह के नाम पर उसकी पहचान बदलने का आरोप सामने आया है।
पुलिस के अनुसार, गढ़ी चौखंडी निवासी महिला ने बीते माह हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी बेटी प्रिया शर्मा की बरामदगी की मांग की थी। महिला का कहना था कि तीन अगस्त को राजा मियां उर्फ एहसान हुसैन और जहीर बाबू उनके घर पहुंचे और उसकी बेटी को अपने साथ ले गए। पीड़िता की मां ने आशंका जताई थी कि उसकी बेटी को बंधक बनाकर किसी अनहोनी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने फेज-तीन थाना पुलिस को निर्देश दिए कि आठ सितंबर को महिला को न्यायालय में पेश किया जाए।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला को चेन्नई से बरामद किया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि बिहार के सीवान जिले का रहने वाला राजा मियां उर्फ एहसान हुसैन महिला को धोखे और धमकी के जरिए अपने साथ ले गया और उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया। पीड़िता प्रिया शर्मा का नाम बदलकर “खुशबू खातून” रख दिया गया।
पूछताछ में महिला ने स्वयं स्वीकार किया कि उसने धर्म परिवर्तन कर लिया है और अब मुस्लिम धर्म के तहत शरिया कानून की जानकारी ले रही है। इसके अतिरिक्त पुलिस ने यह भी पाया कि एक मई 2025 को गाजियाबाद के बहरामपुर गांव में राजा मियां ने महिला के साथ निकाह किया था।
जांच के दौरान पुलिस को प्राप्त निकाहनामा और अन्य दस्तावेजों से बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। निकाह के समय महिला के पिता का नाम फर्जी लिखा गया। आरोपी की मां अनीशा बेगम को पीड़िता की फूफी और भाई इरशाद को उसका सगा भाई बताकर झूठा बहाना रचा गया। इस षड्यंत्र में काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन की भूमिका भी सामने आई है।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता का पति शिवम शर्मा से अभी तक तलाक नहीं हुआ है और उसका छह साल का बेटा भी है। बावजूद इसके, षड्यंत्रकारी तत्वों ने महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराया और निकाह की प्रक्रिया पूरी की।
इस पूरे प्रकरण पर फेज-तीन थाना क्षेत्र के गढ़ी चौखंडी चौकी प्रभारी योगेंद्र सिंह ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मुख्य आरोपी राजा मियां, उसके पिता बिस्मिल्लाह मियां और मां अनीशा बेगम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। अदालत ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। वहीं, आरोपी इरशाद और काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, जिनकी तलाश जारी है।
महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि प्रिया शर्मा इससे पहले वर्ष 2022 में भी लापता हुई थी। उस समय परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और बाद में पुलिस ने उसे परिवार के सुपुर्द किया था। इसी वर्ष चार माह पूर्व भी महिला लापता हुई थी और जून में उसकी मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बरामदगी की गुहार लगाई थी। उस समय महिला को कानपुर से बरामद कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी राजा मियां पिछले कुछ वर्षों से गाजियाबाद के बहरामपुर गांव में किराए पर रह रहा था। वहीं पर उसकी मुलाकात प्रिया शर्मा से हुई और धीरे-धीरे उसने उसे प्रेमजाल में फंसा लिया। पहले भी जब महिला को बरामद किया गया था तो उसने आरोपी पर उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाया था। उस समय कोर्ट ने आरोपी को चेतावनी दी थी कि वह प्रिया शर्मा के वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप न करे। इसके बावजूद आरोपी ने फिर से षड्यंत्र रचा और महिला को अपने जाल में फंसा लिया।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि लव जिहाद जैसी साजिशें केवल व्यक्तिगत संबंधों का मुद्दा नहीं हैं बल्कि संगठित षड्यंत्र हैं, जिनके खिलाफ कठोर कार्रवाई आवश्यक है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम के तहत ऐसे मामलों में दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।