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‘भगवान ने दिया दुःख, जीसस करेंगे मदद, मिटाओ तिलक और पहनो क्रॉस’… ईसाई धर्मांतरण की फैक्ट्री में 200 परिवारों को बना दिया ईसाई

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स्वास्तिक सहारा वेब डेस्क
बस्ती के लोगों का दावा है कि इस नेटवर्क के जरिए 200 से अधिक परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। कोयला खदान में कार्यरत कुछ कर्मचारी और अधिकारी भी इन प्रार्थना सभाओं में शामिल होते थे।

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से धर्म परिवर्तन का बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस ने नवानगर इलाके में चल रहे इस नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में नाथन नायक, उसकी पत्नी मीणा नायक, बेटा अर्पित नायक, पिंकी सोनवानी और नंदन शाह शामिल हैं। सभी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। यह गिरोह पिछले दस वर्षों से गरीब और असहाय लोगों को धन, शिक्षा और इलाज का प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर करता था।

नवानगर की बसौर बस्ती से जुड़ा मामला

यह पूरा मामला नवानगर की बसौर बस्ती से संबंधित है, जहां नाथन नायक अपने परिवार के साथ रह रहा था। शुरुआत में नाथन ने खुद धर्म परिवर्तन किया और सिलाई की दुकान खोली। धीरे-धीरे उसने ढाई हजार वर्ग फीट जमीन पर कब्जा किया और वहां एक चर्चनुमा भवन बना लिया। इसी जगह पर वह अपने परिवार के साथ धार्मिक सभाएं आयोजित करता था। बस्तीवासियों का कहना है कि प्रत्येक रविवार, बुधवार और शुक्रवार को बड़ी तादाद में लोग यहां इकट्ठा होते थे और फिर गेट बंद कर दिया जाता था। अंदर क्या गतिविधियां होती थीं, इसकी जानकारी बाहर नहीं आ पाती थी।

लालच देकर धर्म परिवर्तन का दबाव

स्थानीय महिला रेणु देवी ने बताया कि जब उनके बेटे की मौत के बाद परिवार दुखी था, तभी यह लोग उनके पास आने लगे। पहले हालचाल पूछने और सहानुभूति जताने लगे। इसके बाद धार्मिक बातें करके उन्हें यीशु की प्रार्थना में शामिल होने के लिए बुलाने लगे। रेणु देवी ने साफ इनकार कर दिया लेकिन उनके मुताबिक, कई अन्य लोग पैसे और सुविधाओं के लालच में आकर धर्म परिवर्तन कर बैठे। उन्होंने कहा कि आरोपित लोग बार-बार कहते, “भगवान ने आपके साथ नाइंसाफी की है, यीशु ही आपकी मदद करेंगे।”

परिवार को सौंपे गए अलग-अलग ‘टारगेट’

पुलिस जांच में सामने आया है कि नाथन की पत्नी मीणा महिलाओं को बहला-फुसलाकर निशाना बनाती थी और उसका बेटा अर्पित युवाओं को टारगेट करता था। पिंकी सोनवानी और नंदन शाह भी इस नेटवर्क का हिस्सा थे। बताया जा रहा है कि अब तक लगभग 200 परिवार ईसाई बनाए जा चुके हैं

बस्तीवासी दावा कर रहे हैं कि इस प्रार्थना सभा में आस-पास की कोयला खदान में काम करने वाले कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल होते थे। पुलिस अब उनके संबंधों और गतिविधियों की जांच कर रही है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या कॉलेजों में युवाओं तक इस नेटवर्क की पहुंच थी और क्या धर्मांतरण के लिए पैसों का इस्तेमाल किया गया। इसके लिए आरोपितों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। फिलहाल, पुलिस ने आरोपी परिवार के घर और दुकान को सील कर दिया है।

नवानगर थाना प्रभारी कपूर त्रिपाठी ने बताया, “हमें सूचना मिली थी कि इलाके में कुछ लोग स्थानीय गरीब और बेसहारा लोगों को लालच एवं प्रलोभन देकर उनका अवैध धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। सूचना के बाद जब छापेमारी की गई तो मौके पर लगभग 100 लोग मौजूद थे। पूछताछ के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ जारी है।”

ओडिशा से आई थी शुरुआत

रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब दस वर्ष पहले ओडिशा से आए दो व्यक्तियों ने एनसीएल की खाली जमीन पर अवैध कब्जा किया और इस नेटवर्क की नींव रखी। धीरे-धीरे उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से धर्मांतरण का सिलसिला शुरू किया। यह लोग जरूरतमंदों को अपने जाल में फंसाकर बड़ी रणनीति से धर्म परिवर्तन कराते थे।

आगे की जांच जारी

पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है और आरोपितों के संपर्कों का भी पता लगाया जा रहा है। आरोपी किन-किन इलाकों में सक्रिय रहे और कितने लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। फिलहाल पांचों आरोपित जेल भेजे जा चुके हैं और पुलिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि जाँच के बाद और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।

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