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रिक्शे वाला आमिर तो बलात्कारी निकला.. 14 साल की मासूम से खुद बलात्कार किया, होटल ले जाकर भाई शाहरुख़ और दोस्त आजाद से भी करवाया, अब्बा हारून, अम्मी आशियां ने भी दिया साथ

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से दिल दहला देने वाली एक घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। एक 14 साल की मासूम, जो ई-रिक्शा चालक आमिर को “चाचा” कहकर बुलाती थी, उसी की हवस का शिकार बन गई। यह मासूम बच्ची हर दिन स्कूल जाने के लिए आमिर के रिक्शे पर भरोसा करती थी, लेकिन उसे क्या पता था कि यही “चाचा” उसकी जिंदगी को नर्क बना देगा। आमिर ने न सिर्फ इस बच्ची की आबरू को तार-तार किया, बल्कि अपने भाइयों, पिता और साथियों को बुलाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार की घिनौनी साजिश को अंजाम दिया। यह खबर सुनकर खून खौल उठता है कि आखिर कोई इतना नीचे कैसे गिर सकता है!

हंडिया क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली यह 14 साल की किशोरी कक्षा नौ में पढ़ती थी। आमिर नाम का यह शैतान उसे रोज स्कूल छोड़ने जाता था। लेकिन 5 मार्च को उसने अपने असली रंग दिखाए। इस हैवान ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा। डर के मारे मासूम खामोश रही, लेकिन उसका दर्द यहीं खत्म नहीं हुआ। 28 मार्च को यह दरिंदा उसे फिर अपने जाल में फंसाने में कामयाब हो गया। जब बच्ची देर शाम तक घर नहीं लौटी, तो परिजन परेशान हो उठे। वे आमिर के घर पहुंचे, जहां उन्हें धमकियां मिलीं, लेकिन थोड़ी देर बाद बच्ची लौट आई। उसने जो बताया, उसे सुनकर रूह कांप गई।

बच्ची ने रोते हुए खुलासा किया कि आमिर उसे उतरांव थाना क्षेत्र के रहीमपट्टी गांव के पास नेशनल हाईवे पर एक रेस्टोरेंट में ले गया। वहां आमिर, उसके भाई शाहरुख, पिता हारुन और अन्य साथियों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया। इतना ही नहीं, इन हैवानों ने उस पर देह व्यापार का दबाव भी डाला। यह सुनकर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और 1 अप्रैल को उन्होंने हंडिया पुलिस में तहरीर दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आमिर, शाहरुख, हारुन, उनकी मां आशिया और होटल संचालक आजाद (निवासी असवा दाऊदपुर) के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, पॉस्को एक्ट, और धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

इंस्पेक्टर हंडिया बृजकिशोर गौतम ने बताया कि पीड़िता की मां की शिकायत पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बच्ची को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है और उस घिनौने रेस्टोरेंट को सीज कर दिया गया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या जेल की सलाखें इस मासूम के जख्मों को भर पाएंगी? क्या समाज में छिपे इन हैवानों को सजा मिलने से ऐसे अपराध रुक जाएंगे?

यह घटना सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे समाज पर एक बदनुमा दाग है। आमिर जैसे दरिंदों को सजा-ए-मौत से कम कुछ भी मंजूर नहीं। यह वक्त है कि हम सब मिलकर ऐसे हैवानों के खिलाफ आवाज उठाएं, वरना ये मासूम बच्चियां कब तक अपनी आबरू की कीमत चुकाती रहेंगी?

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