जय भीम जय मीम बोलने वाले रघु पासवान के मीम वालों ने किए 7 टुकड़े… मुस्लिम लड़की से प्यार करता था रघु
वो बात करते है दलित मुस्लिम एकता की. वो नारा लगाते हैं जय भीम जय मीम का. दलित मुस्लिम एकता के नैरेटिव की आड़ में कोशिश की जाती है हिंदू धर्म के मूल दलित समाज को सनातन से अलग करने की. दलित मुस्लिम एकता तथा जय भीम जय मीम के नारे लगाने वालों ने रघु पासवान की हुई बर्बर हत्या पर चुप्पी साध ली है. न तो इस घटना पर ओवैसी के मुख से कोई शब्द फूट रहा है और न चंद्रशेखर रावण द्वारा कुछ बोला जा रहा है.
बड़ी बात ये है कि ‘गिनती करो’ की बात कर हिंदू धर्म में जाति कि राजनीति को हवा दे रहे राहुल गांधी ने भी कुछ नहीं कहा है. बिहार के दरभंगा के दलित पासवान का अपराध ये था कि उसने मुस्लिम लड़की अफसाना (बदला हुआ नाम) से प्यार किया था. जब तक रघु पासवान जय भीम जय मीम बोलता रहा, तब तक तो वह दलित भाई था. लेकिन जैसे ही पता चला कि रघु पासवान ने मुस्लिम लड़की से प्यार किया है, रघु को तुरंत काफिर घोषित कर दिया गया और 7 टुकड़ों में काटकर उसकी हत्या कर दी गई.
अफ़साना का भाई मुंबई में रहता है और रघु पुणे में नौकरी करता था. अफ़साना के परिवार वालों ने दलित हिंदू (भीम समाज) रघु के 7 टुकड़े कर दिए और बोर में भरकर फेंक दिया. उसका शव सात टुकड़ों में मुंबई के गोराई में मिला. इस हत्याकांड को मोहम्मद सत्तार और अन्य आरोपितों ने मिलकर अंजाम दिया था, जिसमें सत्तार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लड़की के परिवार वालों ने रघुनंदन के करीबी दोस्त के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची और उसे मौत के घाट उतार दिया.
रघु के पिता जितेंद्र पासवान ने गोराई पुलिस को बताया कि उसका परिवार बिहार के दरभंगा जिले के मनीगाछी थाने के कन्हौली गांव का रहने वाला है. रघुनंदन दरभंगा के अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था. उसके ही गांव की रहने वाली मुस्लिम लड़की अपनी भाभी का इलाज कराने उसी अस्पताल जाती थी, जहां रघुनंदन से उसके प्रेम-संबंध बन गए.
इस मामले में हल्ला मचा, तो पंचायत कराई गई, जिसके बाद रघुनंदन पुणे चला गया. यहीं से उसे मीरा-भायंदर बुलाकर लड़की के भाई ने 7 टुकड़ों पर काट डाला और उसे ऑटो पर लादकर फेंक दिया। लड़की का भाई मुंबई में बकरा बेचने का काम करता है. बकरा काटने वाले हथियार से ही उसने रघु पासवान को काट दिया