हरियाणा के नूंह जिले में एक गंभीर और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला के साथ धोखे से धर्म परिवर्तन कराने और उसका शारीरिक व मानसिक शोषण करने के आरोप में पुलिस ने आजम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई हरियाणा के गैरकानूनी धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम, 2022 के तहत की गई है, जो इस कानून के लागू होने के बाद नूंह जिले में पहली गिरफ्तारी है। पीड़िता, शीला उर्फ कंचन की शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी आजम को हिरासत में लिया है। मामले की गहन जांच जारी है, और पुलिस ने अन्य संभावित आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मामले का विवरण
नूंह के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) पृथ्वी सिंह ने बताया कि यह मामला नूंह कस्बे का है, जहां शीला उर्फ कंचन के साथ धोखे से धर्म परिवर्तन कराया गया और उसके बाद उसे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। डीएसपी ने कहा, “मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य आरोपी आजम को गिरफ्तार कर लिया गया है। यदि जांच के दौरान अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश कुमार ने इस कार्रवाई को न केवल धर्मांतरण के खिलाफ, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “हम सुनिश्चित करेंगे कि पीड़िता को न्याय मिले और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।”
शीला उर्फ कंचन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के धनपुरा गांव की निवासी हैं। वह अपने दो बच्चों के साथ कई वर्षों से नूंह में रह रही थीं। वर्ष 2008 में उनकी शादी छुट्टन नामक व्यक्ति से हुई थी, जो नूंह में मजदूरी करता था। हालांकि, छुट्टन की नशे की लत और आपराधिक गतिविधियों के कारण उनका पारिवारिक जीवन बिखर गया। एक हत्या के मामले में छुट्टन के जेल जाने के बाद उसने शीला और उनके बच्चों को छोड़ दिया। इसके बाद शीला ने अकेले ही मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन-पोषण किया।
आजम ने कैसे जीता विश्वास
वर्ष 2020 में शीला की मुलाकात नूंह के मालब गांव के निवासी आजम से हुई। शीला के अनुसार, आजम ने शुरुआत में उनकी और उनके बच्चों की मदद करने का भरोसा दिलाया। उसने बच्चों की देखभाल और आर्थिक सहायता का वादा किया, जिससे शीला का विश्वास जीत लिया। धीरे-धीरे आजम ने उनके घर आना-जाना शुरू किया और प्यार का इजहार कर उन्हें अपने जाल में फंसा लिया। इसके बाद आजम ने शीला और उनके बच्चों को नोएडा, पानीपत और फिर भिवाड़ी ले जाकर किराए के मकान में रखा।
धमकी देकर कराया धर्म परिवर्तन
शीला ने अपनी शिकायत में बताया कि जून 2020 में भिवाड़ी में किराए के मकान में रहते समय आजम एक मौलाना को लेकर आया। मौलाना ने धमकाकर शीला से धर्म परिवर्तन करवाया और उसे कलमा पढ़वाकर उसका नाम शीला से बदलकर साईबा रख दिया। इसके बाद आजम के साथ उसका जबरन निकाह करा दिया गया। शीला ने आरोप लगाया कि निकाह के बाद आजम का व्यवहार पूरी तरह बदल गया। उसने घर में रखे हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ दिया, उन्हें अपमानित किया और शीला पर बुर्का पहनने, नमाज पढ़ने व तबलीगी जमात में शामिल होने का दबाव डाला। इसके अलावा, आजम ने उनके साथ मारपीट और गाली-गलौच शुरू कर दी।
आजम के पहले से शादीशुदा होने का खुलासा
शीला को बाद में पता चला कि आजम पहले से शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। जब शीला ने इस बारे में जानकारी लेने के लिए आजम के गांव मालब पहुंचकर उसके परिवार से संपर्क किया, तो आजम की पहली पत्नी और परिजनों ने उन पर हमला कर दिया। किसी तरह जान बचाकर शीला नूंह वापस लौटीं, लेकिन आजम उनके पीछे आकर उनके और बच्चों के साथ रहने लगा। इस दौरान उसका उत्पीड़न और मारपीट जारी रही।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
शीला की शिकायत के आधार पर नूंह महिला पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आजम को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर लिया गया है। एसपी राजेश कुमार ने बताया कि यह मामला हरियाणा के गैरकानूनी धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम, 2022 के तहत पहली कार्रवाई है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि अन्य संलिप्त व्यक्तियों, यदि कोई हों, को भी दंडित किया जा सके।