उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से धर्म परिवर्तन का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के खड्डा थाना क्षेत्र के कोहरगड्डी गांव स्थित एक मदरसे के मौलवी मुजीबुर्रहमान को एक महिला और उसके नाबालिग बेटे का धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
जेल से लौटे तो बदला हुआ मिला घर
मामला तब सामने आया जब हनुमानगंज थाना क्षेत्र के मंशा छापर गांव निवासी महेंद्र कुशवाहा, जो दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा पूरी कर 4 सितंबर 2023 को जेल से रिहा हुए थे, अपने घर लौटे। उन्होंने पाया कि उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बच्चे अब इस्लाम अपना चुके हैं। राबड़ी देवी बुर्का पहनने लगी थीं, पांच वक्त की नमाज अदा कर रही थीं और इस्लामी रीति-रिवाजों का पालन कर रही थीं।
महेंद्र ने जब बच्चों के बारे में पूछा तो पता चला कि वे मदरसे में पढ़ते हैं। बड़े बेटे विपिन (14) का नाम बदलकर नूर आलम कर दिया गया था। छोटे बेटे बिट्टू का नाम नहीं बदला, लेकिन वह भी मदरसे में पढ़ाई कर रहा था।
पिता को पहचानने से इनकार
7 सितंबर को महेंद्र अपने बेटों से मिलने मदरसे पहुंचे। बच्चों ने पिता को पहचानने से ही इनकार कर दिया। आरोप है कि जब महेंद्र ने बच्चों को अपने साथ ले जाने की कोशिश की तो मौलवी और मदरसे में मौजूद लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की। यहां तक कि जान से मारने की धमकी भी दी।
पुलिस ने की कार्रवाई
घटना की शिकायत पर पुलिस ने जांच की। खड्डा थाने के एसएचओ गिरिजेश उपाध्याय ने बताया कि आरोपी मौलवी मुजीबुर्रहमान के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उसके पास से एक चोरी की बाइक भी बरामद की गई।
आर्थिक तंगी का उठाया फायदा
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी मौलवी ने महेंद्र की पत्नी की आर्थिक तंगी का फायदा उठाकर धर्म परिवर्तन कराया। उसने परिवार को मुफ्त भोजन, कपड़े और बच्चों की मुफ्त शिक्षा का लालच दिया। इस दौरान महिला का इस्लामिक रीति-रिवाजों की ओर झुकाव बढ़ा और धीरे-धीरे वह धर्मांतरण की ओर बढ़ गई।
दरअसल, महेंद्र की गिरफ्तारी के बाद उसके एक बच्चे की मृत्यु हो गई थी। ग्रामीणों ने इसे बुरी शक्तियों का असर बताया। इसके बाद राबड़ी देवी का रुझान पीर-मजारों और तांत्रिक उपायों की ओर बढ़ गया था। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने महिला और बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया।
महेंद्र का कहना है कि जेल से लौटकर उन्होंने जो देखा, उससे वे दंग रह गए। उनकी पत्नी और बच्चों ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। महेंद्र ने कहा, “मैं अब बाहर आ चुका हूं, मेहनत कर सकता हूं, परिवार का खर्च उठा सकता हूं। लेकिन मेरी अनुपस्थिति में इन्हें बहलाकर धर्म बदलवाया गया है। अब मैं इन्हें सही रास्ते पर लाने की कोशिश करूंगा।”
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है। घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है और प्रशासन सतर्क हो गया है।