उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण और उससे जुड़े अपराधों की कड़ी लगातार लंबी होती जा रही है। बलरामपुर, आगरा, अलीगढ़, बरेली और वाराणसी के बाद अब देवरिया जिले से अवैध धर्मांतरण और यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां रामलीला मैदान मार्ग पर स्थित प्रसिद्ध एसएस मॉल और ईडी मॉल को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। मॉल में कार्यरत एक युवती ने मालिक उस्मान अंसारी, उसकी पत्नी तरन्नुम और साले गौहर अंसारी पर धर्म परिवर्तन कराने, यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़िता के आरोप: शोषण और ब्लैकमेलिंग
युवती ने बताया कि वह लगभग एक वर्ष पहले मॉल में कार्य करने लगी थी। काम के दौरान मॉल मालिक उस्मान और उसके साले गौहर अंसारी ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। विरोध करने पर न केवल दबाव बनाया गया बल्कि उसका वीडियो भी बना लिया गया और बाद में उसे ब्लैकमेल किया जाने लगा। युवती के अनुसार, मॉल में बने दो गुप्त कमरों में धर्मांतरण और यौन उत्पीड़न का गंदा खेल चलता था। यही नहीं, बाहर से आने वाले व्यापारियों के लिए भी काम करने वाली लड़कियों को “परोसने” का काम होता था।
मॉल मालिक की पत्नी पर भी आरोप
पीड़िता ने बताया कि मॉल मालिक की पत्नी तरन्नुम लग्जरी जीवन का लालच देकर वहां काम करने वाली लड़कियों पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव डालती थी। धार्मिक रूपांतरण को लेकर मानसिक उत्पीड़न किया जाता था और विरोध पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती थी।
विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने किया हस्तक्षेप
जैसे ही मामला सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के संज्ञान में आया, उन्होंने इसे गंभीर मानते हुए अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। विधायक ने स्पष्ट कहा कि धर्मांतरण और यौन अपराध से जुड़े आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई जरूर होगी। पुलिस ने जांच के बाद मॉल मालिक उस्मान अंसारी, उसकी पत्नी तरन्नुम और साले गौहर अंसारी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
गौहर अंसारी का अतीत भी विवादों से भरा रहा है। कुछ समय पहले उसने एक हिंदू युवती से निकाह किया था। उस मामले में भी परिवारवालों ने उस पर बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया था। बाद में युवती ने अपनी मर्जी से निकाह करने की बात कह दी थी और मामला शांत हो गया। अब एक बार फिर वही नाम गंभीर आरोपों में घिरा हुआ है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
शिकायत के बाद एसपी विक्रांत वीर ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने पीड़िता से अधिवक्ताओं की मौजूदगी में गहन पूछताछ की। पीड़िता ने पुलिस को कई ऑडियो, वीडियो और फोटो सबूत सौंपे हैं। तकनीकी जांच के लिए इसे साइबर टीम को दिया गया है। इसके अलावा एडिशनल एसपी (दक्षिणी) सुनिल कुमार सिंह को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पुलिस की शुरुआती लापरवाही
पीड़िता ने दावा किया कि उसने 16 मार्च को पहली बार शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन थाने और सीओ कार्यालय ने गंभीरता नहीं दिखाई। इस कारण मामला दबा रह गया। मजबूरी में उसे सीधे एसपी से न्याय की गुहार लगानी पड़ी। अब मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने कार्रवाई तेज कर दी है।
श्रम कानून उल्लंघन के आरोप
युवती ने यह भी आरोप लगाया कि मॉल में श्रम कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। उसे सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक 12 घंटे काम करना पड़ता था जबकि वेतन मात्र 7,000 रुपये दिया जाता था। श्रम कानून के अनुसार न्यूनतम वेतन 12,000 रुपये से कम नहीं होना चाहिए। इस आधार पर मॉल मालिक पर श्रम कानून तोड़ने का मामला भी बनता है।
इलाके में फैली सनसनी
मामला सामने आने के बाद पूरे शहर और जिले में हड़कंप मच गया है। लोगों का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर धर्मांतरण और यौन अपराध का खेल लंबे समय से चल रहा था लेकिन दबाव और प्रभाव के चलते किसी ने आवाज नहीं उठाई। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी लगातार उसके परिवार को धमका रहे हैं, जिसके चलते उसकी जान पर खतरा मंडरा रहा है।