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मुस्लिम बनने को तैयार नहीं हुई भाग्यश्री तो रईस ने कर दिया सर तन से जुदा, दो पुलिसवालों वसीम और इकबाल पर भी सवाल

By- Swastik Sahara Web Desk

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नावरा गांव में लव जिहाद का एक सनसनीखेज और जघन्य मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम युवक ने हिंदू महिला की बेरहमी से हत्या कर दी। मृतका की पहचान 35 वर्षीय भगवती धानुक उर्फ़ भाग्यश्री के रूप में हुई है, जिसे आरोपी शेख रईस (उर्फ शेख इरशाद, 42 वर्ष) ने शुक्रवार देर रात उसके घर में घुसकर चाकू से गला रेतकर और कई बार चाकू घोंपकर मार डाला। पुलिस ने इस क्रूर हत्याकांड के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना कथित तौर पर भगवती के इस्लाम धर्म अपनाने और निकाह करने से इनकार करने के कारण हुई, जिसे लेकर आरोपी लंबे समय से उस पर दबाव बना रहा था। इस मामले ने लव जिहाद के खतरनाक इरादों को उजागर किया है, जिसके खिलाफ स्थानीय हिंदू संगठनों और परिजनों ने कड़ा विरोध दर्ज किया है।

यह दिल दहला देने वाली घटना शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 की देर रात को बुरहानपुर जिले के नावरा गांव में नेपानगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत हुई। भगवती धानुक, जो तलाकशुदा थी और अपने पहले पति, एक पुलिसकर्मी, से अलग हो चुकी थी, कई वर्षों से शेख रईस के साथ रिलेशनशिप में थी। रईस, जिसने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था और उसका मामला कोर्ट में चल रहा है, लगातार भगवती पर इस्लाम अपनाने और निकाह करने का दबाव डाल रहा था। भगवती ने उसकी मांग को बार-बार ठुकराया, जिसके चलते दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया। शुक्रवार रात को दोनों के बीच तीखी बहस हुई, और गुस्से में आकर रईस ने भगवती के घर में घुसकर उसका गला रेत दिया और कई बार चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी।

अगली सुबह, 2 अगस्त 2025 को पुलिस को इस जघन्य हत्याकांड की सूचना मिली। नेपानगर पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर भगवती के शव को कब्जे में लिया और शेख रईस को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने हत्या और अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (बुरहानपुर) श्री अंतर सिंह कनेश ने पुष्टि की कि आरोपी को हिरासत में लिया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।

इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे हैं। भगवती की बहन, सुभद्रा बाई, ने बताया कि रईस लंबे समय से भगवती को प्रताड़ित कर रहा था, उसे बाल पकड़कर मारता था और धमकियां देता था। भगवती ने घटना से कुछ दिन पहले नावरा पुलिस चौकी में रईस के खिलाफ जान से मारने की धमकी की शिकायत दर्ज की थी, लेकिन दो आरक्षकों, वसीम कुरैशी और इकबाल खान ने इस शिकायत को कथित तौर पर दबा दिया। परिजनों का आरोप है कि ये दोनों आरक्षक, जो उसी धर्म से हैं, ने आरोपी की मदद की और शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। यदि समय पर कार्रवाई की गई होती, तो इस हत्याकांड को रोका जा सकता था। इस लापरवाही के चलते बुरहानपुर पुलिस अधीक्षक ने दोनों आरक्षकों को लाइन हाजिर कर दिया है।

यह घटना लव जिहाद के एक खतरनाक पहलू को उजागर करती है। भगवती की बहन ने बताया, “रईस भगवती को इस्लाम अपनाने और निकाह करने के लिए धमकी देता था। उसने मेरी बहन को बार-बार प्रताड़ित किया, और जब उसने इनकार किया, तो उसने रात को घर में घुसकर उसका गला रेत दिया।” स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस हत्याकांड को लव जिहाद का स्पष्ट मामला बताते हुए कड़ा विरोध किया है। उन्होंने आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई और उसके घर को ध्वस्त करने की मांग की है। प्रदर्शनकारी अमित वरुडे ने कहा कि पुलिस की लापरवाही के कारण यह घटना हुई, और इसे लव जिहाद का मामला मानते हुए त्वरित और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।

इस जघन्य हत्याकांड ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। हिंदू संगठनों और परिजनों ने नावरा गांव में प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने पुलिस प्रशासन से तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की। इस घटना ने लव जिहाद के खिलाफ पहले से मौजूद मध्य प्रदेश सरकार की सख्त नीतियों को और प्रासंगिक बना दिया है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने 2020 में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया था, जिसमें दोषियों के लिए अधिकतम 5 वर्ष के कठोर कारावास का प्रावधान है।

बुरहानपुर का यह हत्याकांड न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि लव जिहाद जैसे सामाजिक मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाता है। भगवती धानुक की हत्या ने समाज और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं के प्रति और सतर्क रहने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। सरकार और पुलिस प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में कोई अन्य महिला इस तरह की क्रूरता का शिकार न बने।

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