प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार के दरभंगा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी दिवंगत मां हीराबेन मोदी के अपमान पर गहरा दर्द व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के मंच से उनकी मां को दी गई भद्दी गालियां न केवल व्यक्तिगत अपमान हैं, बल्कि देश की समस्त माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान है। पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि मां का स्थान देवताओं और पितरों से भी ऊपर होता है, और ऐसे अपमान को बिहार की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस से मां भारती और छठी मैया से माफी मांगने की मांग की। इस दौरान पीएम मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया और बिहार में जीविका निधि साख सहकारी संघ की शुरुआत को एक मंगलकारी कदम बताया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत बिहार की माताओं-बहनों को समर्पित करते हुए की। उन्होंने कहा कि आज मंगलवार के पावन दिन एक बहुत ही मंगलकारी कार्य की शुरुआत हो रही है। बिहार की लाखों महिलाओं को जीविका निधि साख सहकारी संघ के माध्यम से एक नई सुविधा उपलब्ध हो रही है। इस योजना से गांव-गांव में जीविका समूहों से जुड़ी बहनों को आसानी से ऋण और आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे वे अपने छोटे-मोटे व्यवसायों और कामकाज को आगे बढ़ा सकेंगी। पीएम मोदी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यह पूरी व्यवस्था डिजिटल माध्यम से संचालित है, जो विकसित भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि भारत की सशक्त महिलाएं ही विकसित भारत का मजबूत आधार हैं। महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए उनकी जिंदगी से हर प्रकार की मुश्किलों को दूर करना आवश्यक है, और इसी दिशा में केंद्र सरकार निरंतर प्रयासरत है।
पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों शौचालयों का निर्माण किया गया, ताकि महिलाओं को खुले में शौच की मजबूरी से मुक्ति मिल सके। यह कदम महिलाओं की गरिमा और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाखों पक्के घर बनाए गए, और विशेष ध्यान रखा गया कि इन घरों का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर हो। पीएम मोदी ने कहा कि जब महिला घर की मालकिन बनती है, तो परिवार में उसकी आवाज का वजन बढ़ जाता है, और वह अधिक आत्मनिर्भर हो जाती है। केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना ने हर मां को इस चिंता से मुक्त कर दिया है कि आज घर में बच्चों का पेट कैसे भरेगा। यह योजना कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी और अब इसे विस्तार दिया गया है, जिससे करोड़ों परिवारों को लाभ पहुंच रहा है।
महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी जैसी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि वे आधुनिक तकनीकों से जुड़कर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये सभी योजनाएं माताओं-बहनों की सेवा का एक महायज्ञ हैं, और आने वाले समय में बिहार की एनडीए सरकार इन अभियानों को और तेजी से आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बिहार की महिलाओं को आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उनके सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी कुछ दिनों बाद आने वाले नवरात्र पर्व का जिक्र करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, जो मां के नौ रूपों की आराधना है। लेकिन बिहार और पूर्वी भारत में सतबहिनी पूजा की परंपरा भी सदियों से चली आ रही है, जहां मां के रूप में सात बहनों की पूजा की जाती है। यह परंपरा मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास की प्रतीक है, जो बिहार की सांस्कृतिक पहचान है। इसी संदर्भ में पीएम मोदी ने बिहार में हाल ही में हुई घटना का उल्लेख किया, जहां आरजेडी-कांग्रेस के मंच से उनकी मां को भद्दी गालियां दी गईं। उन्होंने कहा कि इस घटना की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। ये गालियां केवल उनकी मां का अपमान नहीं हैं, बल्कि देश की हर मां-बहन-बेटी का अपमान हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें पता है कि इस घटना से बिहार की जनता को कितना दुख पहुंचा है। उन्होंने लाखों माताओं-बहनों की सभा में अपना दर्द साझा किया और कहा कि उनके आशीर्वाद से ही वे इस पीड़ा को सहन कर पाएंगे। पीएम मोदी ने अपने जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने हर दिन, हर क्षण देश की सेवा में समर्पित किया है, और इसमें उनकी मां की बहुत बड़ी भूमिका रही है। मां भारती की सेवा के लिए उनकी जन्मदात्री मां ने उन्हें अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया था। उन्होंने भावुक होकर कहा कि कुछ समय पहले 100 वर्ष की आयु पूरी कर उनकी मां इस दुनिया से विदा हो गईं, लेकिन राजनीति से दूर रहने वाली उस गरीब मां को आज भी भद्दी गालियां सुननी पड़ रही हैं। यह बहुत ही दुखद और पीड़ादायक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मां का गुनाह क्या है? एक गरीब मां तपस्या करके अपने बच्चों को शिक्षा और संस्कार देती है, और मां का स्थान देवताओं से भी ऊपर होता है। बिहार की संस्कृति में तो यह कहावत आम है कि ‘माई के स्थान, देवता पितर से भी ऊपर होला!’ पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि इन लोगों को लगता है कि कुर्सी केवल इन्हें ही मिलनी चाहिए, लेकिन जनता ने एक गरीब मां के बेटे को प्रधानसेवक बनाया है। यह बात नामदारों को पच नहीं रही है। शाही खानदानों में पैदा हुए युवराज गरीबों की तपस्या और पीड़ा नहीं समझ सकते। वे सोने-चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए हैं, और सत्ता को अपनी विरासत मानते हैं।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर पिछड़ों और अति-पिछड़ों के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कभी बर्दाश्त नहीं होता कि कोई पिछड़ा आगे बढ़े। ये लोग कामदारों को गालियां देने का अधिकार समझते हैं। मां को गाली देने वाली सोच महिलाओं को कमजोर मानती है और उन्हें शोषण की वस्तु समझती है। जब ऐसी मानसिकता वाली सरकारें सत्ता में आती हैं, तो महिलाओं को सबसे अधिक तकलीफें झेलनी पड़ती हैं। पीएम मोदी ने आरजेडी के शासनकाल को याद करते हुए कहा कि उस समय बिहार में अपराध, फिरौती और बलात्कार आम थे। आरजेडी सरकार अपराधियों को संरक्षण देती थी, और सबसे अधिक पीड़ा महिलाओं को होती थी। बिहार की महिलाओं ने लंबी लड़ाई लड़कर उस अंधेरे से बाहर निकाला है, और आरजेडी को हराने में उनकी बड़ी भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस आज महिलाओं से बौखलाए हुए हैं और उनसे बदला लेना चाहते हैं। उन्होंने बिहार की जनता से अपील की कि मां के अपमान करने वालों से जवाब मांगें। हर गली-मोहल्ले से आवाज उठनी चाहिए – ‘मां को गाली… नहीं सहेंगे!’ ‘इज्जत पर वार… नहीं सहेंगे!’ ‘आरजेडी का अत्याचार… नहीं सहेंगे!’ ‘कांग्रेस का वार… नहीं सहेंगे!’ ‘मां का अपमान… नहीं सहेंगे!’ पीएम मोदी ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से माफ कर सकते हैं, लेकिन भारत की धरती मां का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करती। उन्होंने छठी मैया से माफी मांगने की मांग दोहराई।
इस संबोधन में पीएम मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण को केंद्र बिंदु बनाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं जैसे उज्ज्वला योजना, जिसमें करोड़ों महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, ने उनकी जिंदगी आसान बनाई है। इससे महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली और स्वास्थ्य बेहतर हुआ। इसी तरह, जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल से जल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है, ताकि महिलाओं को पानी लाने की मशक्कत न करनी पड़े। पीएम मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का उल्लेख किया, जो लिंग अनुपात सुधारने और बेटियों की शिक्षा पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्त बन रही हैं।
बिहार में एनडीए सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने विकास की नई ऊंचाइयां छुई हैं। अपराध पर नियंत्रण, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार, और महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं राज्य सरकार की उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर बिहार को विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पीएम मोदी ने युवाओं और किसानों के लिए भी योजनाओं का जिक्र किया, लेकिन मुख्य फोकस महिलाओं पर रहा।
अंत में, पीएम मोदी ने बिहार की जनता से अपील की कि वे विपक्ष की महिला-विरोधी मानसिकता को पहचानें और एनडीए को समर्थन दें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका सर्वोपरि है, और सरकार उनके कल्याण के लिए हर कदम उठाएगी। यह संबोधन न केवल राजनीतिक था, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से भी गहरा था, जो पीएम मोदी की मां के प्रति श्रद्धा और महिलाओं के सम्मान को दर्शाता है।
मां का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि “मोदी तो तुम्हें एक बार माफ कर देगा, लेकिन भारत की धरती मां का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। हर गली-मोहल्ले से आवाज उठनी चाहिए – मां का अपमान नहीं सहेंगे। इज्जत पर वार नहीं सहेंगे। कांग्रेस और आरजेडी का अत्याचार नहीं सहेंगे।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन को बिहार की जनता से अपील करते हुए समाप्त किया कि वे मातृशक्ति के सम्मान के लिए एकजुट होकर खड़े हों और उन लोगों को करारा जवाब दें जिन्होंने मां के अपमान की हिम्मत की है।