रामायण में प्रभु श्रीराम सुग्रीव से कहते हैं कि संन्यासी से अच्छा राजा और कौन हो सकता है. यदि जो मन से संन्यासी हो, जिसे सिंहासन और सत्ता का लोभ न हो, वही सच्चा न्याय कर सकता है, वही आदर्श राजा है. जिसे निजी विलास और काम में आसक्ति नहीं होगी, वही एक तपस्वी की भांति दिन रात जनसेवा के कार्य में संलग्न रहेगा.
उत्तर प्रदेश के भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रभु श्रीराम की इसी बात को सच प्रमाणित कर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ, जिन्हें उनके भक्त महाराज जी कहकर बुलाते हैं, वह योगी जी अपने तन, मन, वचन और कर्म से भी सन्यासी है. जब एक संयाशी शासक बनता है तो वह जनता के लिए कितना लाभप्रद होता है, इसका एक मनमोहक और जीवंत उदाहरण प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में देखा जा सकता है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में ऐसी व्यवस्था की है, जिसे देख हर श्रद्धालु हर्षित, प्रफुल्लित है. संगम के रेत पर ऐसी टेंट सिटी बनाई गई है, जिसे देखकर योगी जी के विरोधी भी तारीफ किए बिना नहीं रह पा रहे हैं. खाना, पीना रुकने से लेकर मेडिकल आदि की शानदार व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही सर्दियों में नहाने के लिए अलाव भी लगाए गए हैं.
महाकुंभ की सबसे ख़ास बात ये है कि श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं के मुख से एक ही बात निकल रही है कि एक ही तो दिल है योगी जी, कितनी बार जीतोगे.
एक महाकुंभ 2013 में हुआ जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और उन्होंने आजम खान को कुंभ प्रभारी बना दिया था. उस समय कुंभ में हुई अराजकता और श्रद्धालुओं को हुई तकलीफें पूरे देश ने देखी थी. एक महाकुंभ 2025 में लगा है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और वहा महाकुंभ की सभी व्यवस्थाओं को स्वयं ही मॉनिटर कर रहे हैं. यूपी के महंत मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ का अटल संकल्प है कि सनातन है तो हम हैं. धर्म सुरक्षित तो हम सुरक्षित. वैसे भी चुनावों में योगी आदित्यनाथ जिन्होंने सनातन धर्म को सुरक्षित रहने के लिए जो नारा दिया उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी और आज भी दे रही है.
अब उन्हीं योगी महाराज के कार्यकाल में महाकुंभ को भव्य और दिव्य अवतार दिया जा रहा है. महाकुंभ में आए संत महात्मा कह रहे हैं कि धर्म के बिना राष्ट्र नहीं चलेगा. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री धर्मगुरु होना चाहिए. श्रद्धालुओं का कहना है कि योगी जी ऐसे संतों के लिए रोल मॉडल हैं जो राजनीति में आना चाहते हैं.
योगी आदित्यनाथ कट्टरपंथियों के आगे कभी नहीं झुकते हैं. सनातन के खिलाफ षड़यंत्र करने वालों पर योगी का हंटर जरूर चलता है. वो कह चुके हैं कि गलत मानसिकता के साथ जो लोग आएंगे, उनकी डेंटिंग-पेंटिंग की भी व्यवस्था की गई है. जो मुसलमान अपने गोत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं, ऐसे लोग ही प्रयागराज में आएं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इसी सनातनी और सख्त छवी की वजह से अब साधु संत ये मांग कर रहे हैं कि राजनीति में योगी जैसे और संतों की जरूरत है.